बुधवार, 20 मार्च 2013

राजकुमार यादव


मुझे हीरो मत बुलाइए: राजकुमार यादव

 बुधवार, 20 मार्च, 2013 को 16:00 IST तक के समाचार
राजकुमार यादव, अभिनेता
राजकुमार ने काय पो छे में गोविंद का किरदार निभाया है.
पिछले दिनों रिलीज़ हुई फिल्म 'काय पो छे' में गोविंद के किरदार के लिए तारीफ बटोरने वाले राजकुमार यादव को हीरो शब्द से ख़ासी परेशानी है.
दिबाकर बनर्जी की फिल्म 'लव सेक्स और धोखा' से अपने करियर की शुरुआत करने वाले राजकुमार मानते हैं कि फिल्म लाइन में हीरो नहीं होते हैं. हीरो तो असल जीवन में होते हैं.
राजकुमार कहते हैं "बॉर्डर पर और समाज में हीरो होते हैं. हमारी फिल्मों में तो किरदार और कलाकार होते हैं. जब कोई कहता है कि तुम हमारी फिल्म के हीरो हो तो मैं कहता हूं नहीं, मैं आपकी फिल्म का एक्टर हूं."
परंपरागत हीरो की छवि से अलग दिखने वाले राजकुमार के मुताबिक "संघर्षों के दिनों में हर जगह से एक ही जवाब मिलता था कि नहीं थोड़ा और लंबा चाहिए, थोड़ा और गोरा चाहिए. मैं तो जैसा हूं अपने आपको वैसे ही पेश करता हूं. किरदार की डिमांड है तो मैं औऱ बदसूरत दिखूंगा और अगर अच्छा दिखना है तो जिम में काम करूंगा."
रोल की तैयारी के बारे में राजुकमार ने बताया कि काय पो छे में एक ठेठ गुजराती लड़के का रोल निभाने के लिए उन्होंने गुजराती भाषा सीखने के साथ साथ अपनी तरफ से किरदार को और उसके परिवेश को समझने की कोशिश भी की.

जेब में सत्रह रुपए

दिल्ली के पास गुड़गांव के रहने वाले राजुकमार ने पुणे स्थित एफटीआईआई से पढ़ाई करने के बाद मुंबई में लगभग ढाई साल संघर्ष किया और फिर उन्हें फिल्म 'लव सेक्स और धोखा' में ब्रेक मिला.

"एक समय था जब मेरे पास जेब में सत्रह रुपए थे और मेरे दोस्त के पास बारह रुपए और हमने सोचा कि आज हम खाना कैसे खाएंगे. लेकिन फिर ऐसे संघर्षों का भी अपना ही मज़ा है."
राजकुमार यादव, अभिनेता
अपने संघर्षों को याद करते हुए राजकुमार कहते हैं "एक समय था जब मेरे पास जेब में सत्रह रुपए थे और मेरे दोस्त के पास बारह रुपए और हमने सोचा कि आज हम खाना कैसे खाएंगे. लेकिन फिर ऐसे संघर्षों का भी अपना ही मज़ा है."
दिबाकर की फिल्म लव सेक्स और धोखा में ऑडिशन के बारे में राजकुमार बताते हैं कि किस तरह वो गलत कपड़े पहनकर चले गए थे जिसके लिए उन्हें अच्छी डांट भी पड़ी थी लेकिन दिबाकर को उनका काम इतना पसंद आया कि उन्हें फिल्म में रोल मिल गया.

काय पो छे के बाद...

रागिनी एमएमएस और गैंग्स ऑफ वासेपुर में अपने अभिनय से ध्यान बटोरने वाले राजकुमार ने बताया "काय पो छे देखने के बाद एक बहुत बड़े समीक्षक ने कहा कि पिछले कई सालों से बॉलीवुड में आए कलाकारों में तुम सबसे बेहतरीन हो."
अपने बदले वक्त की बात करते हुए राजकुमार ने कहा "लोग अब मुझे मेरे नाम से पहचानते हैं. पहले बोलते थे कि रागिनी वाला लड़का है या तलाश वाला लड़का है. अब लोग पहचानने लगे हैं. अब बड़े निर्देशक भी साथ में मिलकर काम करना चाहते हैं."
राजकुमार की आने वाली फिल्म 'शाहिद' है जो 26/11 मुंबई हमलों के एक अभियुक्त की ओर से केस लड़ने वाले वकील शाहिद आज़मी के जीवन पर आधारित है.
फेस्टिवल में दिखाई गई इस फिल्म में राजकुमार ने शाहिद का रोल निभाया है जिन्हें समीक्षकों द्वारा काफी पसंद भी किया जा रहा है.

मंगलवार, 12 फ़रवरी 2013

पठनीय आलेख, सुन्दर और विचारणीय !


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यादव
कर्मणये वाधिकारस्ते मां फलेषु कदाचन ।
मां कर्मफलहेतुर्भू: मांते संङगोस्त्वकर्मणि ।।
समसामयिक सन्दर्भों में हम यदि आज यादव समाज को लें जिसने अपने आत्मबल पर कई क्षेत्रों में अगुवाई कर रहा है, (यदि आज के व्यापारिक उद्देश्यों को लें) पर उसका उपयोग यादवों की भलाई के लिए कितना हो रहा है विचारणीय यह है, न यह की वह मुख्यमंत्री है या प्रधानमंत्री . जब सामाजिक सरोकारों की बात होगी तब भारतीय समाज में उसकी उपस्थिति का योगदान देखा जाएगा. हो सकता है की यादव अवाम उस तरह से अपनी तैयारी ना भी की हो जिस तरह से अन्यों ने किया है या भारतीय समाज के उन लोगों ने किया है जो अनेक अनुचित रास्ते (तरीकों) से अपने को मज़बूत किया हो, या यूँ कहें की संरक्षण के मार्ग प्रसस्त कर यादवों को संघर्ष के लिए आगे किया. अब वक्त आ गया पुनर मूल्याङ्कन का अतः अब यादव को जिस तरह चिन्हित कर अलग थलग किया गया लेकिन जिस गौरवशाली इतिहास का यादव वारिश है उसे अब और कितने दिनों झुठलाया जाता रहेगा. जिस अवाम की अपनी नियति ही रही हो कर्म के सिद्धांत की -
कर्मणये वाधिकारस्ते मां फलेषु कदाचन ।
उसे साजिशन चोर उच्चक्का और गुंडा बना दिया जाय उस मिडिया द्वारा जिसमे समाज के मुट्ठी भर लोग सांप की तरह कुंडली मारकर बैठे हों उनका यह बयान की 'गुंडा राज़' आ गया है कितनी बड़ी उनकी साजिश है लोक तंत्र में . यही कारण है की ईमानदार और मेहनतकश लोगों ने संघर्ष का मार्ग ही बदल लिया और बेईमान और निकम्मा सत्ता के गलियारे पर काबिज हो गया है जिससे सत्ता का चरित्र बदला है अब यह देखना है कि यह लड़ाई कौन लड़ता है.
यहाँ पर उल्लेखनीय है कि बाबा रामदेव जब इस तरह के संघर्ष के लिए आगे आते हैं तब वही मुट्ठीभर सत्ता नशीन उन्हें किस तरह अमर्यादित करते हैं किसी से छुपा नहीं है (बाबा रामदेव का आन्दोलन और कांग्रेस कि सरकार का जुर्म जिसको देश कि सर्वोच्च अदालत ने भी स्वीकार किया है कि केंद्र की कांग्रेस सरकार ने जुर्म किया था) आज तक किसी सन्यासी के साथ ऐसा नहीं हुआ जैसा बाबा रामदेव के साथ हुआ , क्या यह मर्यादा किसी मर्यादित सरकार की थी जी नहीं. मुझे यह कहते हुए बिलकुल आश्चर्य नहीं हो रहा है की उनके साथ यह सब केवल और केवल 'यादव' होने के कारण हुआ. जिसमें यादवों के नेताओं का चरित्र देखने लायक था (लालू,मुलायम और शरद) जिन्होंने उस सरकार के दुष्कर्म की भर्त्सना करना भी उचित नहीं समझा . आज वही मीडिया जिन चटखारों के साथ अपने 'संतों' के कुकर्मों पर परदा डालता है आश्चर्य है इस संत बाबा रामदेव के लिए सहानुभूति के एक शब्द भी नहीं कहे की बाबा क्या गलत कर या कह रहे हैं की काला धन वापस लाओ, यहाँ एक फरक और है 'अन्ना हजारे' और अन्ना टीम का उदय 'बाबा रामदेव के भारत स्वाभिमान आन्दोलन के चलते हुआ जो अब धीरे धीरे लगने लगा है की बाबा रामदेव के आन्दोलन को दबाने की साजिश के रूप में ही था.
और यह भी की बाबा रामदेव जो संत ठहरे पर काम तब भी चल जाता यदि लोगों को यह पता न चलता को की यह बाबा यादव है .

शुक्रवार, 11 जनवरी 2013

यादव ही क्यों ?


छह प्रमुखों ने संभाली कमान

Jaunpur | Last updated on: January 12, 2013 5:30 AM IST
जौनपुर। छह ब्लाकों में आयोजित समारोह में उपचुनाव में निर्वाचित ब्लाक प्रमुखों ने पद एवं गोपनीयता की शपथ ली। रिटर्निंग अफसरों ने प्रमुखों को नई जिम्मेदारी सौंपी। शपथ ग्रहण समारोह में जिले के कई गणमान्य लोग शामिल हुए। शुक्रवार को जिले के महराजगंज, शाहगंज सोंधी, मुफ्तीगंज, केराकत, धर्मापुर, करंजाकला में शपथ दिलाई गई। करंजाकला ब्लाक में दो वर्ष के भीतर बृजेश कुमार सिंह प्रिंसू ने दोबारा पद की शपथ ली।
करंजाकला संवाददाता के अनुसार, ब्लाक परिसर में आयोजित एक समारोह में परियोजना निदेशक लालजी यादव ने बृजेश सिंह प्रिंसू को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। शपथ ग्रहण समारोह में पहुंचे सांसद ने प्रिंसू और क्षेत्र के बीडीसी सदस्यों की तारीफ की। सांसद ने कहा कि ब्लाक में सब कुछ सामान्य चल रहा था। यहां अविश्वास प्रस्ताव की कोई जरूरत नहीं थी। फिर भी सत्ता की हनक दिखाने की कोशिश की गई। दबंगई दिखाने के लिए ही अविश्वास प्रस्ताव लाया गया। बीडीसी सदस्यों और उनके परिवार के साथ कुछ लोगों ने बुरा बर्ताव किया। उन्हें धमकाया गया, गोलियां चलाई गईं लेकिन बीडीसी इस बात के लिए धन्यवाद के पात्र हैं कि वह अपने फैसले पर अड़े रहे। ब्लाक प्रमुख बृजेश सिंह ने कहा कि यह क्षेत्र पंचायत सदस्यों की जीत है। क्षेत्र पंचायत का विकास पहले की तरह पूरी ईमानदारी और निष्ठा के साथ कराया जाएगा। समारोह में सांवले सिंह, पूर्व ब्लाक प्रमुख सुरेंद्र सिंह, बीडीओ सुरेंद्र प्रसाद, दीप नरायन सिंह, नीरज सिंह आदि मौजूद थे। संचालन सेक्रेट्री अरुण कुमार पांडेय ने किया।
महराजगंज संवाददाता के अनुसार, ब्लाक परिसर में आयोजित एक समारोह में एसडीएम बदलापुर श्रीनिवास तिवारी ने रमापति यादव को पद की शपथ दिलाई। समारोह की शुरुआत वैदिक मंत्रोच्चार के बीच हुई। राम अभिलाष यादव ने स्वागत गीत प्रस्तुत किया। समारोह में पहुंचे बदलापुर विधायक ओम प्रकाश दुबे बाबा ने विकास कार्यों पर चर्चा के दौरान बीडीसी सदस्यों का आभार जताया। नवनिर्वाचित ब्लाक प्रमुख रमापति यादव ने विकास का भरोसा दिलाया। कहा कि जीत का श्रेय पूर्व विधायक उमाशंकर यादव को जाता है। पूर्व विधायक का सिर पर हाथ नहीं होता तो जीतना मुश्किल था। समारोह में पूर्व विधायक लाल बहादुर यादव, उमाशंकर यादव, बीडीसी जय सिंह यादव, दीनानाथ सिंह, अखिलेस यादव, चंद्र प्रताप सिंह, महेंद्र सिंह, जयनाथ यादव, सालिकराम यादव ने अपने विचार रखे। संचालन राम जतन यादव ने किया। बीडीओ डा. घनश्याम प्रसाद को सदस्यों ने अपने क्षेत्र के विकास का प्रस्ताव सौंपा।
खेतासराय संवाददाता के मुताबिक, शाहगंज सोंधी ब्लाक परिसर में नवनिर्वाचित ब्लाक प्रमुख नीलम यादव को एसडीएम शाहगंज सतीश चंद्र शुक्ल ने पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। इस दौरान संजय यादव, सैय्यद उरूज, नदीम अहमद, सुरेंद्र प्रताप यादव, अभिलाष यादव, सेराज अहमद, पूर्व नगर पंचायत अध्यक्ष वसीम अहमद, मो. असलम खां, आनंद बरनवाल, मन्नान अहमद, सर्वजीत राजभर, नखडू सोनकर, बलराम सिंह आदि मौजूद थे। सभी ने निर्वाचित प्रमुख का फूल मालाओं से स्वागत किया। बाद में ब्लाक प्रमुख ने कहा कि शाहगंज को आदर्श ब्लाक बनाने की कोशिश की जाएगी। यह भी बताया कि क्षेत्र पंचायत निधि से एक करोड़ आ चुका है। राज्य वित्त आयोग से भी 40 लाख प्राप्त हुए हैं। इन पैसों से समूचे क्षेत्र का विकास होगा।
केराकत संवाददाता के मुताबिक, ब्लाक सभागार में तहसीलदार दिनेश कुमार मिश्र ने नवनिर्वाचित ब्लाक प्रमुख सुधा यादव को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। समारोह में पूर्व प्रधानाचार्य राजा राम यादव, जिला पंचायत सदस्य शर्मिला देवी, राम लखन यादव, कमलेश यादव, चंद्रजीत पहलवान, रामधनी यादव, संदीप सिंह आदि मौजूद थे।
मुफ्तीगंज संवाददाता के मुताबिक, एसडीएम केराकत रामभजन सोनकर ने ब्लाक सभागार में ब्लाक प्रमुख विनय सिंह को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। इस दौरान बीडीओ सरला गुप्ता युवक कांग्रेस के प्रदेश सचिव विकास तिवारी रामू, रामनाथ यादव, राम चंद्रर राय, बाबू राम निषाद, कमला यादव, छविराज यादव, देवेंद्र मिश्रा, ऋषिकेश तिवारी, दुधनाथ सरोज, ओम प्रकाश राय मौजूद थे। संचालन पब्लिक इंटर कालेज केराकत के प्रवक्ता हरिनाम सिंह ने किया।
धर्मापुर संवाददाता के अनुसार, ब्लाक परिसर में एसडीएम सदर ज्ञानेंद्र सिंह ने ब्लाक प्रमुख मनोरमा सोनकर को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। कार्यक्रम की अध्यक्षता विधायक प्रतिनिधि अजय त्रिपाठी, संचालन लालजी यादव ने किया। विशिष्ट अतिथि ओम प्रकाश यादव रहे। बीडीओ पीसी पटेल ने ब्लाक की गतिविधियों से अवगत कराया। इस दौरान प्रधान संघ अध्यक्ष लालचंद्र यादव, शशिकांत यादव, घनश्याम यादव, शिशु तिवारी, शिव पूजन यादव, सतीश मौर्य, जिलेदार, चंद्रशेखर गुप्ता, लालजी तिवारी, चुन्नी लाल यादव, विनोद यादव, सुजीत जायसवाल, गामा यादव, हरी लाल यादव, राजेंद्र मौर्य, महेंद्र यादव, विजय तिवारी आदि मौजूद थे।

मंगलवार, 1 मई 2012

यादव

यादव
कर्मणये वाधिकारस्ते मां फलेषु कदाचन । 
मां कर्मफलहेतुर्भू: मांते संङगोस्त्वकर्मणि ।। 
समसामयिक सन्दर्भों में हम यदि  आज यादव समाज  को लें जिसने अपने आत्मबल पर कई क्षेत्रों में अगुवाई कर रहा है, (यदि आज के व्यापारिक  उद्देश्यों को लें) पर उसका उपयोग यादवों की भलाई के लिए कितना हो रहा है विचारणीय यह है,  न  यह की  वह मुख्यमंत्री है या प्रधानमंत्री . जब  सामाजिक  सरोकारों की बात  होगी तब  भारतीय  समाज  में उसकी उपस्थिति का योगदान  देखा जाएगा.  हो सकता है की यादव अवाम उस तरह से अपनी तैयारी ना भी की हो जिस तरह से अन्यों ने किया है या भारतीय समाज के उन लोगों ने किया है जो अनेक अनुचित रास्ते  (तरीकों)  से अपने को मज़बूत किया हो, या यूँ कहें की संरक्षण  के मार्ग  प्रसस्त कर  यादवों को संघर्ष  के लिए  आगे किया. अब  वक्त आ  गया पुनर मूल्याङ्कन  का अतः  अब  यादव  को  जिस  तरह  चिन्हित कर अलग  थलग  किया गया लेकिन जिस गौरवशाली इतिहास का यादव वारिश है उसे अब और कितने दिनों झुठलाया जाता रहेगा. जिस  अवाम  की अपनी नियति ही रही हो कर्म  के सिद्धांत की  -
कर्मणये वाधिकारस्ते मां फलेषु कदाचन । 
उसे साजिशन चोर उच्चक्का और गुंडा बना दिया जाय उस  मिडिया द्वारा जिसमे समाज  के मुट्ठी भर लोग  सांप की तरह कुंडली मारकर बैठे हों उनका यह बयान की 'गुंडा राज़' आ गया है कितनी बड़ी उनकी साजिश  है लोक  तंत्र में  .  यही कारण है की ईमानदार और मेहनतकश लोगों ने संघर्ष का मार्ग ही बदल लिया और बेईमान और निकम्मा सत्ता के गलियारे पर काबिज हो गया है जिससे सत्ता का चरित्र बदला है अब यह देखना है कि यह लड़ाई कौन लड़ता है.
यहाँ पर उल्लेखनीय है कि बाबा रामदेव जब इस तरह के संघर्ष के लिए आगे आते हैं तब वही मुट्ठीभर सत्ता नशीन उन्हें किस तरह अमर्यादित करते हैं किसी से छुपा नहीं है (बाबा रामदेव का आन्दोलन और कांग्रेस कि सरकार का जुर्म जिसको देश कि सर्वोच्च अदालत ने भी स्वीकार किया है कि केंद्र की कांग्रेस सरकार ने जुर्म किया था) आज तक किसी सन्यासी के साथ ऐसा नहीं हुआ जैसा बाबा रामदेव के साथ  हुआ , क्या यह मर्यादा किसी  मर्यादित  सरकार की  थी जी नहीं. मुझे यह कहते हुए बिलकुल आश्चर्य नहीं हो रहा है की उनके साथ यह सब केवल और केवल 'यादव' होने के कारण हुआ. जिसमें यादवों के नेताओं का चरित्र देखने लायक था (लालू,मुलायम और शरद) जिन्होंने उस सरकार के दुष्कर्म की भर्त्सना करना भी उचित नहीं समझा . आज वही मीडिया जिन चटखारों के साथ अपने 'संतों' के कुकर्मों पर परदा डालता है आश्चर्य है इस संत बाबा रामदेव के लिए सहानुभूति के एक शब्द भी नहीं कहे की बाबा क्या गलत कर या कह रहे हैं की काला धन वापस लाओ, यहाँ एक फरक और है 'अन्ना हजारे' और अन्ना टीम का उदय 'बाबा रामदेव के भारत स्वाभिमान आन्दोलन के चलते हुआ जो अब धीरे धीरे लगने लगा है की बाबा रामदेव के आन्दोलन को दबाने की साजिश  के रूप में ही था.
और यह भी की बाबा रामदेव  जो संत  ठहरे पर काम  तब  भी चल  जाता  यदि  लोगों को  यह पता न  चलता को की यह बाबा  यादव है . 


(क्रमशः जारी)